जनेश्वर जी के आकस्मिक निधन ने बहुतों को रुलाया और बहुत लोगों ने अपने को अनाथ महसूस किया। इलाहाबाद में उनकी शव-यात्रा में उमड़ी भीड़ ने जिस प्रकार अपनी नम आंखों से दिवंगत नेता को..
जनेश्वर जी आन्दोलन और संघर्ष के साथियों की बड़ी कद्र करते थे। उन पर यह फर्क नहीं पड़ता था कि वे सत्ता में हैं या विपक्ष में। सामान्यतया मैंने देखा है कि जब सोशलिस्ट भाई सत्ता में आ जाते हैं तो...
जनेश्वर मिश्र के रूप में समाजवादी आन्दोलन का एक जीवंत अध्याय खत्म हो गया है। जनेश्वर जी का पूरा जीवन संघर्ष को समर्पित था और इसकी शुरूआत स्कूल के वक्त में ही हो गई थी।
मेरे राजनीतिक एवं वैयक्तिक जीवन में जनेश्वर जी का जो स्थान है, वो शब्दों की परिधि से परे है, उसे अभिव्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।